चुनाव और बिहार

 चुनाव और बिहार
बूथ बना दो बांधो पर, अस्पतालों में प्रचार करो,
आधा प्रदेश ही डुबा है, आधे में मन की बात करो।
शिक्षा-परीक्षा सब होगा,महामारी की ना बात करो,
दो मास्क साथ साबुन देकर,अब पर्चे भी तुम पास करो।
हाँ रंग चुनावी जमने दो, हमें जाती धर्म में बंधने दो,
सामाजिक दुरी को छोड़ो, धर्मो में दुरी बढ़ने दो।
बूथ बना दो बांधो पर, अस्पतालों में प्रचार करो
हां मरने दो मुझे खेतो में उतनी मेरी ना ख्याल करो
हम दो कौड़ी के जनता हैं, कुछ दे लेकर ही साथ रखो
झंडे वेनर को पकड़ेंगे , ना लेते नारा अखरेंगे।
हम सेवक शादियो से तेरे, तुम सत्ता का श्रृंगार करो
नल में पानी आए ना आए , बस देशी की जुगाड़ करो
बूथ बना दो बांधो पर, अस्पतालो में प्रचार करो,
अब शुरू करो ना शिलान्यास,फूलो से उस पर हार करो
सड़क बना दो कागज पर,बिजली की उसमे तार करो
हम ताली खुब बजायेंगे , थोड़ी मिठाई तो खाएंगे।
हां बूथ बना दो बांधो पर, अस्पतालों में प्रचार करो
गर्म रहेगी केतली ,कुल्हार भी खुब सजेंगे तब,
जब ग्रेजुएट का गर्म पकौड़ा साथ चाय कुल्हार का हो
फर्क क्या करता है बीमारी, शिक्षा या उसकी लाचारी
सब एक वोट के भागी है,इन सब का तुम ना ख्याल करो
बस बूथ बना दो बांधो पर,अस्पतालों में प्रचार करो।

                          ~ कुमार पीयूष

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